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पुस्तकों को पाठकों से जोड़ने की दिशा में 'पुस्तक पखवाड़े' का आयोजन महत्वपूर्ण कदम -डॉ.ऋचा शर्मा


भोपाल। समाज में प्रगति और सकारात्मक परिवर्तन हेतु पुस्तकों की बहुत बड़ी भूमिका है, लघुकथा शोध केंद्र समिति भोपाल द्वारा आयोजित पुस्तक पख़वाड़े का आयोजन इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. ऋचा शर्मा, अहमद नगर (महाराष्ट्र )का वे लघुकथा शोध केंद्र समिति भोपाल द्वारा आयोजित पुस्तक पख़वाड़े के सातवें दिन पुस्तक विमर्श के आयोजन की अध्यक्षता करते हुए बोल रही थी।

इस आयोजन में कृति 'विदेश में हिंदी पत्रकारिता' लेखक डॉ. जवाहर कर्नावट पर समीक्षात्मक आलेख सुपरिचित साहित्यकार डॉ दामोदर खड़से का था उनकी अनुपस्थिति में लेख का वाचन गोविंद शर्मा (खंडवा ) ने किया उन्होंने वैश्विक स्तर पर हिंदी को स्थापित करने की दिशा में इस पुस्तक को महत्वपूर्ण बताया तथा इसे साहित्य के साथ ही पत्रकारिता के विद्यार्थियों, शोधर्थियों के लिए संदर्भ ग्रन्थ की ज़रूरी कृति निरुपित किया।

इस आयोजन में 'बिखरी चीनी' (लघुकथा संग्रह ) लेखिका सुनीता प्रकाश पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार और समीक्षक सुमन ओबेरॉय ने संग्रह की लघुकथाओं को आसपास बिखरे चीनी के मीठे दानों की तरह समाज में सकारात्मक मिठास की लघुकथाएं बताया। इसके साथ ही 'नारी सशक्तिकरण'(लघुकथा संग्रह) सम्पादक सुनीता प्रकाश पर चर्चा करते हुए समीक्षक डॉ. कर्नल गिरिजेश सक्सेना ने इन लघुकथाओं को तीन भागों में बांटते हुए नारी विमर्श की महत्वपूर्ण लघुकथाएं निरुपित किया।

कार्यक्रम का सफल संचालन घनश्याम मैथिल अमृत ने किया, स्वागत उदबोधन मधुलिका सक्सेना ने दिया तथा अंत में आभार विजय जोशी (महेश्वर ) ने दिया, कार्यक्रम में देश विदेश के अनेक साहित्य पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे।

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