उज्जैन। जिनकी जन्म जयंती एवं स्वर्गारोहण दिवस एक ही दिन गुरु सप्तमी को आता है, ऐसे दादा गुरुदेव श्रीमद विजय राजेन्द्र सूरीश्वर जी महाराज का जैन समज द्वारा 198 वी जन्म जयंती एवं 118 वां स्वर्गारोहण दिवस गुरु सप्तमी महोत्सव के रूप मे विभिन्न धर्मिक आयोजनो के साथ मनाया गया। श्री राजेन्द्र सूरी जैन ज्ञानमन्दिर नमकमंडी में इस अवसर पर प्रातः पूजन, पक्षाल के पश्चात पूज्य गुरुदेव का भव्य वरघोड़ा निकाला गया ।
त्रिस्तुतिक श्रीसंघ के सरक्षक, ट्रस्टी के साथ ही अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक, महिला बहू एवं तरूण परिषद के सभी सदस्य गुरुदेव के भजन गाते हुए एवं चावल की गहुली करते हुए वरघोड़े में शामिल हुए। ज्ञानमन्दिर से प्रारम्भ वरघोड़ा प्रमुख मार्गों में जयघोष करता हुआ मोती महल धर्मशाला पर सम्पन्न हुआ जहाँ गुरुदेव के गुणों ओर उपदेशो पर गुरु गुणानुवाद सभा आयोजित की गयी।श्रीसंघ अध्यक्ष राजबहादुर मेहता ने स्वागत उदबोधन द्वारा सभी अतिथियों का अभिनंदन किया, सचिव संजय कोठारी द्वारा सभा का संचालन किया जिसमें मुख्य अतिथि विधायक अनिल जैन कालुहेड़ा, श्रीसंघ सरंक्षक माणकलाल गिरिया, गुणमाला जी नाहर, मदनलाल रुनवाल, जया नाहर, मनीष कोठारी, विनती कुचेरिया, धुर्मी तातेड़ ने अपने उदबोधन में गुरुदेव के अनुपम संयम, कठिन तपस्या, विभिन्न संघर्षों के बाद भी मिथ्यात्व को समाज से दूर कर सही विधि बताने के दृष्टांतो का ओर प्रभावी जीवन का स्मरण करते हुए उनके धर्म, समाज एवं तीर्थो के लिए किये गए कार्यों के साथ ही गुरुदेव द्वारा रचित विश्व विख्यात ग्रन्थ अभिधान राजेन्द्र कोष का विश्लेषण करते हुए सभी को उनके सिधान्तो का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया। दीपक डागरिया ने आभार प्रदर्शन किया।
दोपहर में लाभार्थी परिवार मंजू बाबूलाल चौधरी परिवार, तरुणा आशीष नाहर, अर्चना पंकज चोरडिया, वंदना कल्पेश कुचेरिया, कामना विशाल तांतेड़ परिवार द्वारा पूज्य गुरुदेव की गुरुपद महापूजन पढ़ाई गई, विधिकारक बृजेश श्रीश्रीमाल, संगीतकार राजेंद्र पटवा एवं विकास पगारिया द्वारा पूर्ण विधि विधान एवं संगीत के साथ पूजा पूर्ण की गई। मीडिया प्रभारी नितेश नाहटा एवं वीरेन्द्र गोलेचा ने बताया कि लाभार्थी परिवार द्वारा आरती के साथ ही सुबह नवकारसी एवं दोपहर में स्वामीवात्सल्य के साथ सकल श्री संघ की साधार्मिक भक्ति का भी लाभ लिया गया। इस अवसर पर रोगी कल्याण समिति जिला चिकित्सालय में मरीजों एवं उनके परिजनों को भोजन वितरण की व्यवस्था की गई एवं अन्य दान किया गया।
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