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रामस्वरूप मूंदड़ा की दो कृतियों का लोकार्पण एवं अमृत महोत्सव


कोटा। बूंदी के वरिष्ठ साहित्यकार रामस्वरूप मूंदड़ा का भव्य लोकार्पण एवं अमृत महोत्सव एस आर रंगनाथन सभागार राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय कोटा में सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि ख्यातनाम साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही थे अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बृजेन्द्र कौशिक द्वारा की गई। 

इस आयोजन के विशिष्ट अतिथि डॉ दीपक श्रीवास्तव,प्रो हितेष व्यास मुख्य वक्ता महेंद्र नेह थे। कृतियों " कविताओं के इंद्रधनुष" की वक्ता डॉ अनिता वर्मा प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय सांगोद थी एवं " वक्त हाथ में कलम लिए है" पर पत्र डा रामावतार सागर की वक्ता स्नेहलता शर्मा ने रचनाकार रामस्वरूप मूंदड़ा की ग़ज़ल प्रस्तुत करते हुए पढ़ा गया। बीज वक्तव्य डॉ दीपक श्रीवास्तव ने दिया। सरस्वती वंदना डॉ शशि जैन द्वारा प्रस्तुत की गई। लोकार्पण समारोह का संचालन वरिष्ठ कथाकार समीक्षक विजय जोशी ने किया।

दूसरा सत्र अमृत महोत्सव के रुप में मनाया गया। इसका संचालन नहुष व्यास द्वारा किया गया। नहुष व्यास ने मंच के समादरण के बाद रामस्वरूप मूंदड़ा का सपत्नीक समादरण का प्रारंभ उनके परिजनों की ओर से माल्यार्पण शाल श्रीफल और साफ़ा पहनाकर करवाया गया। इसके बाद रंगितीका साहित्य संस्था के संरक्षक जितेन्द्र निर्मोही अध्यक्ष स्नेहलता शर्मा शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। तदानुसार ही आर्यन लेखिका मंच कोटा की ओर से श्यामा शर्मा और युगल सिंह ने शाल श्रीफल माला से सम्मानित किया गया। 

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से संरक्षक रामेश्वर शर्मा रामू भैया,योगी राज योगी ने, मधुकर काव्य सृजन संस्थान की ओर से प्रेम शास्त्री,बालू लाल वर्मा ने, आर्यावर्त समिति की ओर से आनंद हजारी,नंद सिंह पंवार ने, साहित्य सृजन संस्थान की ओर से राजेंद्र पंवार, सारंग साहित्य समिति की ओर से रामकरण प्रभाती, विकल्प जन सांस्कृतिक मंच की ओर से किशन वर्मा, ज्ञान भारती संस्था की ओर से जितेन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय कवि बाबू बंजारा , मुरली धर गौड़,राम शर्मा विजय शर्मा द्वारा भी समादृत किया गया। हिन्दी साहित्य समिति बूंदी की ओर से अमृत सम्मान प्रतीक भेंट किया गया। समारोह की समाप्ति पर सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों को मूंदड़ा परिवार की ओर से सम्मान प्रतीक भेंट किया गया। धन्यवाद पवन कुमार मूंदड़ा द्वारा दिया गया।

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