उज्जैन। मित्रता दिवस पर जैन कवि संगम की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की मुख्य अतिथि डॉ अर्चना बाफना एवं विशेष अतिथि प्रसिद्ध गीतकार हेमंत श्रीमाल एवं श्रीमती भारती जैन रहे। अध्यक्षता जैन कवि संगम के प्रदेश अध्यक्ष सुगनचन्द जैन ने की।
गोष्ठी का शुभारम्भ डॉ अर्चना बाफना एवं डॉक्टर खुशबू बाफना के नवकार महामंत्र तथा श्रीमती संगीता तलेरा की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। गोष्ठी के प्रारंभ में संयोजक श्रीमती संगीता अशोक तल्लेरा द्वारा सभी उपस्थित कवियों एवं कवित्रियों का सम्मान किया गया।
गोष्ठी में कवि दिलीप जैन ने बेटी शीर्षक से बेटी गुलाब होती है कविता पढ़ी। राकेश जैन ने शानदार ग़ज़ल पढ़ी। सुदीप जैन ने आओ खुद से प्यार करें मानवता का उपकार करें गीत पढ़ा। डॉ खुशबू बाफना ने समय बड़ा बलवान है शीर्षक से अपनी कविता पढ़ी।
संदीप सृजन ने पर्यावरण संरक्षण पर दोहे अपने जीवन में करें एक पुण्य का काम, एक पेड़ के साथ में जोड़ दे हम भी नाम पढ़े। वरिष्ठ व्यंग्यकार शांतिलाल जैन ने संचार माध्यम पर व्यंग्य पढ़ा। भारती जैन ने हरी भरी वसुधा रहे धन-धान्य से हो भरपूर गीत पढ़ा। राजेश जैन अजंता ने अपने अंदाज में आशु कविता व शानदार शायरी सुनाई, जिसे उपस्थित जन ने खूब सराहा।
श्रीमती संगीता तलेरा ने बड़ो खोटो जमाना आयो गीत पढ़ा। राकेश चौरडिया ने कुछ भी नहीं धरा है, इस धरा पर महफिल नहीं है यारों की तो क्या जीना पढ़ा। योगेंद्र बैनाड़ा ने तन है मन है और यह जीवन है जीवन भी एक सुंदर उपवन है गीत पढ़ा। डॉ. अर्चना बाफना ने ओ सरहद के प्रहरी तुमको वंदन नमन करते हैं , देशभक्ति से प्रेरित गीत पढ़ा।राजेंद्र जैन ने आए फेनी घेवर के दिन ,वर्षा वाले तेवर के दिन अपनी रचना सुनाई । सुगनचंद जैन अपनी प्रसिद्ध रचना बेटी शीर्षक से गीत सुनाता हूं मैं बेटी क्या-क्या होती है ,हीरा पन्ना सोना चांदी मानक मोती है गीत पढ़ा। अंत में शिखर कलश के रूप में देश के प्रसिद्ध गीतकार हेमंत श्रीमाल ने जिंदगी ये कब दगा दे जाएगी इसलिए बस कर प्यार करते जाइए तथा चंबल की बेटी गीत पढ़ा। जिसे उपस्थित जनों ने खूब सराहा।
गोष्ठी संयोजन के लिए जैन कवि संगम की ओर से श्रीमती संगीता तलेरा एवं अशोक जी तलेरा का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन योगेंद्र बेनाडा ने किया एवं आभार संदीप सृजन ने व्यक्त किया।
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