नागदा। कविता क्या है.. परिभाषा जानते नहीं, भाव हीन तुकबंदी, रस विहीन शब्दावली..... फिर भी मेरे नाम ठिठौली कर रहे हो .... जैसी काव्य पंक्तियों के साथ हुए नगर के वरिष्ठ साहित्यकार श्री बी एल परमार ने अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की नागदा इकाई के बेनर तले स्थानीय आदित्य विद्या मंदिर स्कूल प्रांगण में अतिथि के रूप में काव्य पाठ कर जब आयोजन का आगाज किया। तब आयोजन स्थल कवियों की तालियों से गूंज उठा। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुंदर लाल जोशी सूरज ने लयबद्ध सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
मुख्य अतिथि के रूप में संस्था मंत्रणा के अध्यक्ष श्री सुरेश रघुवंशी उपस्थित थे। परिषद् के मालव प्रांत प्रमुख श्री त्रिपुरारी शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित इस पहली काव्य गोष्ठी में कवियत्री सुश्री दीप्ति पोद्दार ने जहां श्रृंगार रस की कविता से माहौल को खुशनुमा बनाया वही कृष्णा कृति तिवारी ने गौरैया पर अपनी कविता सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। परिषद अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र मीणा ने गर्भस्थ कन्या भ्रूण और मां संवाद का चित्रण कर माहौल को भावुक कर दिया ।कवि सुग्रीव गोरखपुरी ने अपने पारंपरिक अंदाज में वीर रस की कविता सुनाई वही गीतकार श्री आनंदी लाल सोनी ने सुमधुर गीत के साथ कार्यक्रम में स्वर लहरियां बिखेर दी। प्रकृति प्रेमी श्री अरविन्द कुमार पाठक ने पेड़ की पीड़ा को अपने शब्दों से सार्वजनिक किया। वही गीतकार श्री कमलेश शुक्ला कमल ने अपने अपने गीत से अपने मित्र स्व रवि जालवाल को भाव पूर्ण शब्दांजलि अर्पित की। इस मौके नवोदित रचनाकार सुश्री संजना पोरवाल, सुश्री उपासना सिंह, फारूख लखेरा, रामदेव पाराशर एस एन उपाध्याय, भूपेंद्र सिंह पंवार ने भी अपनी रचनाओं से कार्यक्रम को नई ऊंचाईयां दी। कार्यक्रम का संचालन परिषद् महामंत्री श्री अशोक शर्मा मृदुल ने किया।
अभिव्यक्ति अध्यक्ष श्री प्रफुल्ल शुक्ला, पत्रकार श्री शरद गुप्ता, समाजसेवी श्री मनोज राठी,कमलेश जायसवाल, अनुराग पोद्दार, हरीश तिवारी , संगीता गुप्ता आदि उपस्थित थे।
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