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जितेन्द्र निर्मोही को अमराव देवी पहाड़िया राजस्थानी गद्य का शीर्ष पुरस्कार


कोटा। नेम प्रकाशन डेह राजस्थानी भाषा पुरस्कार 2024 की घोषणा आज विधिवत कर दी गई है। राजस्थानी भाषा साहित्य के उन्नयन एवं संवर्धन हेतु उक्त संस्था द्वारा लगभग चौबीस पुरस्कार विभिन्न विधाओं के अंतर्गत समाज के विशिष्ट व्यक्तियों के नाम से दिए जाते हैं।

आज़ इन पुरस्कारों की विधिवत घोषणा कर दी गई है। इसके अंतर्गत राजस्थानी भाषा का शीर्ष गद्य पुरस्कार जो अमरा देवी पहाड़िया स्मृति राजस्थानी गद्य पुरस्कार के नाम से दिया जाता है। वर्ष 2024 का अमराव देवी पहाड़िया स्मृति राजस्थानी गद्य पुरस्कार 2024 कोटा के वरिष्ठ साहित्यकार जितेन्द्र निर्मोही को उनकी आलेख कृति "राजस्थानी काव्य में सिणगार" के लिए दिया जाएगा।इस कृति में प्राचीन काल से लेकर आज़ तक के श्रृंगार काव्य की विवेचना की गई है। इसमें हाड़ौती अंचल की नई और पुरानी पीढ़ी पर भी आलेख है।

समारोह डेह नागौर में 9 जून को आयोजित किया जाना संभावित है। कार्यक्रम संयोजक पवन पहाडिया ने अवगत कराया कि उक्त पुरस्कार अंतर्गत ग्यारह हजार रुपए शाल श्रीफल और सम्मान पत्र प्रदान किया जाकर साहित्यकार को समादृत किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि जितेन्द्र निर्मोही को इससे पूर्व उनके राजस्थानी उपन्यास "रामजस की आतमकथा" पर रोटरी क्लब बीकानेर से खींवराज मुन्ना लाल सोनी राजस्थानी गद्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं।

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