समय का चक्र ।
बहुत कठिन है -
साधना का पथ ।
आरूढ़ होना है -
समक्ष खड़ा रथ ।
बहाव है अनुकूल -
हुआ न वक्र ।
भक्त हो , मिलेगी -
भावना को भक्ति ।
साधक हो , मिलेगी -
साधना को शक्ति ।
बुध , वृहस्पति -
शुभ है शुक्र ।
धर्म ध्वजाओं का -
है आरोहण - पर्व ।
शीश हुआ उन्नत -
सत्य को है गर्व ।
तपस्या से प्लावित -
होगा कभी वज्र ।
-अशोक आनन, मक्सी
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