माँ तुम मुझे एक
सवाल का जवाब दो
क्या हमारे शरीर में
क्या हमारे शरीर में
सूरज की रोशनी नहीं पड़ती ?
क्या भूख हमें नहीं लगनी चाहिए ?
क्या भूख हमें नहीं लगनी चाहिए ?
आज बापू चावल के तलाश में गए थे
मगर नही मिला
कहते है कि हमारे कोई कार्ड नहीं
तू तो दवा की अभाव के कारण ही
चाँद के पास चली गई
जानती हो माँ, बापू आज भी दुखी है ?
जिसके डर से अब हम अंदर ही रहते है
बापू तुम्हे दवा दे नहीं पाए
कहते हैं कि वह बहुत बड़ा वायरस है
भूख तुझे भी लगती थी
मैं समझ सकता हूँ माँ
क्या करूँ जरा तुम ही तो बताओ
मुझे बहुत भूख लगी है
क्या करूँ जरा तुम ही तो बताओ
मुझे बहुत भूख लगी है
छोटी को शायद भूख के कारण ही
बुखार आया होगा।
भूख बिल्कुल सह नहीं पाता हूँ माँ
तुझे शायद अब बहुत कुछ
भूख बिल्कुल सह नहीं पाता हूँ माँ
तुझे शायद अब बहुत कुछ
खाने को मिलता होगा
है ना माँ ?
है ना माँ ?
बापू आज काम के तलाश में गए थे
मगर कोई भी उसे
अंदर प्रवेश करने नही दिया
सभी कहते है की ये बहुत ही
सभी कहते है की ये बहुत ही
प्राणनाशक वायरस है
इससे किसी को भी राहत नहीं
लेकिन भूख शायद इस से भी
बहुत बड़ा वायरस होगा है ना माँ ?
बापू को उदास देखकर
मैने पढ़ लिखकर बहुत बड़ा
बापू को उदास देखकर
मैने पढ़ लिखकर बहुत बड़ा
आदमी बनने को तय कर लिया है
पर भूखा पढ़ा भी नहीं जाता माँ
छोटी का बुखार बहुत ज्यादा है
अगर वह भी तुम्हाते पास चली गई तो....?
तो फिर कहो तो माँ
वायरस कौन सा बड़ा है ?
मूल: मिनाक्षी देवी
अनुवाद: नाजु हातीकाकोति बरूआ
अनुवाद: नाजु हातीकाकोति बरूआ
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