अनुभूति करो मैं कौन हूँ? अनुभव करो दिल कैसा है? अनुशीलन करो व्यवहार कैसा है ? अनुकाल करो वर्तमान कैसा है? महसूस करो भाव कैसा है? लगन से देखो चाव कैसा है? दर्द का एहसास करो घाव कैसा है ? प्रेम भरे अंदाज से देखो चाह कैसी है ? अन्दर हृदय में झांको सपने कैसे हैं ? टटोलो स्वयं को, अपने मिले कितने हैं? मंजिल से पूछो राह कैसी है? सावन से पूछो माह कैसा है? सुबह चिड़ियों से पूछो शोर क्यूँ है? काली रात से पूछो घनघोर क्यूँ है? समुन्दर से पूछो इतना गहरा क्यूँ है? स्वार्थ से पूछो बहरा क्यूँ है? बंद दरवाजे से पूछो इंतज़ार किसका है? बूढे बुजुर्ग से पूछो राय विचार कैसा है? अभिमन्यु से पूछो चक्रव्यूह कैसा है? अभेद्य को न भेद पाने का कष्ट कैसा है? भूख से रोते बच्चे से पूछो रोटी कैसी है? । वर्तमान से पूछो आज में जीना सीखा क्यूँ नहीं है? नारी से पूछो , आखिर दर्द तेरा भरा क्यूँ नहीं है? बाहर से नरम अंदर से कठोर संघर्ष क्यूँ है? नारी तेरी अनुभूति,अनुभव,अनुशीलन कोई करता क्यूँ नहीं है? नारी तुझे कोई समझता क्यूँ नहीं है?।
0 टिप्पणियाँ