बादलों की विदाई
बादल भी अब -
लौटने लगे घर ।
आसमां ने -
उन्हें दी विदाई ।
आंखें सभी की -
छलछला आईं ।
बारिश भी अब -
सिकुड़ने लगी पर ।
धूप की भी -
पसर गई चटाई ।
हवाओं ने -
बजाई शहनाई ।
घटाएं भी अब-
चलीं गगरिया धर ।
खेत भी लगे -
अब रंग बदलने ।
नदी - ताल भी -
अब लगे संवरने ।
धुलकर धरा की -
निखर गई चुनर ।
नभ ने नीली -
चादर अब तानी ।
कुएं भी हुए -
अब पानी - पानी ।
मयंक रह गया -
अब आहें भरकर ।
-अशोक 'आनन' , मक्सी (म.प्र.)
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