✍️रमाकान्त चौधरी
दिल चाहे अपनी सब खुशियां उसके नाम लिखा दूँ मैं।
वो चले तो कदमों के नीचे , फूल ही फूल बिछा दूं मैं।
नजर किसी की लग न जाए उसके प्यारे मुखड़े को,
इसीलिए बस दिल चाहे कि दिल में उसे छुपा लूँ मैं।
उसकी बातें , उसकी आंखें ,लगता जैसे जादू हों,
दिल चाहे जादूगर बनकर , उसपे छड़ी घुमा दूँ मैं।
वो हँसे तो लगता जैसे कोई, सरगम से संगीत बजे,
बनके गीत लबों पर उसके,खुद को यार सजा दूँ मैं।
दिल की यही तमन्ना है, वो तन्हाई में साथ निभाए,
जीभर उसको प्यार करूँ ,उसकी मांग सजा दूँ मैं।
*लखीमपुर खीरी उप्र
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