✍️*डॉ रघुनाथ मिश्र 'सहज'
केसरिया -हरा -सफेद तिरंगा, मान हमारा।
संप्रभुता-सुख-आजादी का, प्रतिमान हमारा।
चाहे कुछ भी हो जाए।
मान नहीं जाने पाए।
देश - प्रेम सर्वोपरि है,
जन-गण को विवेक आए।
तिरंगा है हर परिस्थिति में, अभिमान हमारा।
संप्रभुता-सुख-आजादी का, प्रतिमान हमारा।
आओ हम सब साथ चलें।
स्नेह - प्यार सभी में पलें।
नफ़रत -भेदभाव प्रचलन,
छातियों पर न मूँग दलें।
तिरंगा जान से प्यारा है, यह शान हमारा।
संप्रभुता-सुख-आजादी का,प्रतिमान हमारा।
तिरंगा अपना जान से ज्यादा।
इस पर मर मिटने का इरादा'।
आओ इसकी ताकत बन जाएँ,
बन जाएँ हम दुश्मन का दादा।
तिरंगा चाहता है हमसे,अवदान हमारा।
संप्रभुता-सुख-आजादी का, प्रतिमान हमारा।
*कोटा (राजस्थान)
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