✍️पथिक पुखराज
राम जगत का सार है ,
जीवन का आधार ।
नाम सदा जपते रहो ,
खुशियाँ मिले अपार ।
जग को हम क्या दे भला ,
देते हैं श्री राम ।
कृपा उनकी बनी रहे ,
हो जाये सब काम ।
राम साधना कीजिऐ ,
पूरे हो सब काम ।
राम जरूर ले जाएं,
आपको तीर्थ धाम ।
राम कृपा सबको मिलें ,
पढ़ रामायण रोज ।
खत्म सभी हो जायगी,
तेरी सारी खोज ।
देख सामने राम को,
शबरी हुई अधीर ।
मनसा पूरी हो गई ,
बहे नयन से नीर ।
राम दिलों में बसे हुवे ,
घर-घर मंगल गाएंगे ,
तंबू में बहुत रह लिये ,
अब तंबू भी हट जाएंगे,
लौटे दिन अयोध्या के ,
अब मंदिर भव्य बनाएंगे ।
*नागदा
अपने विचार/रचना आप भी हमें मेल कर सकते है- shabdpravah.ujjain@gmail.com पर।
साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल शाश्वत सृजन पर देखे- http://shashwatsrijan.com
यूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw
0 टिप्पणियाँ