✍️डॉली अग्रवाल
अरे
जल्दी करो
बड़ा नही , गहरा खोदो
बड़ी मुश्किल से मैंने उसे मारा है
अगर देर हो गयी दफनाने में
तो जीवित हो सकती है
उसकी मानसिक चेतना
विरोध कर सकती है
खुद को दफनाने का ---
मुश्किल हो जायेगा तब
उसे कोई बेड़िया नही कस सकेंगी
वो आज़ाद हो
तांडव मचा देगी इस
निर्जीव से तन में
और
मैं एक बार फिर से
गुलाम हो जाऊंगी उन
मासूम सी ख्वाहिशों की
ताउम्र के लिए !!
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