✍️डॉ. अनिता जैन 'विपुला'
सुखकर्ता दुःखहर्ता गणनायक आये गजराज,
झूम-झूम खुशी में हम गा रहे मंगल गीत आज।
शुभ भाद्रपद के शुक्ल पक्ष चतुर्थी को जन्म लिया,
एकदन्ती गजानन आपने मातृ मन मुदित किया।
लम्बोदर उमासुत को पिता शिव ने वरदान दिया,
प्रथम पूज्य शिवप्रिय तभी से गणपति बप्पा मोरिया।
हे वक्रतुंड ऋद्धि-सिद्धि भार्याओं संग विराजित,
शुभ-लाभ सुत आपके, मूषक वाहन से हैं शोभित।
हरित दूर्वा और मोदक रुचे, भाल पर चन्द्र जचे,
तीक्ष्ण बुद्धि लब्धि से अखिल ब्रह्मांड का खेल रचे।
हे गुणेश औ' गणेश आपकी लीला अपरम्पार,
वरेण्य भक्त का किया गणेश गीता से बेड़ा पार।
विघ्नविनायक सिद्धिदायक नमन, हे गणपति वर दो,
घर-आँगन में हमारे सुख समृद्धि नव निधि भर दो !
जगत की विकटताओं का सरल समाधान सुझाया,
सिंदूरी गणपति बप्पा का जन्मोत्सव है आया।
आओ ध्याये आद्यगणेश को, न हो संशय-विचार
मोक्षदाता-आनन्दविधाता की नित जय जयकार ।
उदयपुर, राजस्थान
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