*पुखराज पथिक
पापा हैं इस दुनियां में तो,सबसे वारे न्यारे हैं ।
इसीलिए वो मुझको मेरी,जां से ज्यादा प्यारे है।
संघर्षों में जीवन बीता ,दुःख से कभी न हारे वो
मेरे जीवन की कश्ती के,केवल वही किनारे हैं
हाथ पकड़ कर वो ले जाते,चलना मुझे सिखाते वो
हर बच्चे के सच्चे, अच्छे,पापा सही सहारे हैं
पापा के बिन कैसे जिंदा,रहते पूछ यतीमों से
हर पल अपने दिन दुख से ही,कैसे रोज गुजारे हैं
पापा है तो सभी खुशी है,मांग भरे माँ तब हर दिन
पापा ये ही सूरज चंदा,लगते भले सितारे हैं
काम न आए कोई जग में,ये पापा बतलाते थे
सच बोले पुखराज सुनो बस,पापा एक हमारे हैं
*नागदा ज. (उज्जैन)
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