*भावना गौड़
खुशियों की दस्तक देता
त्यौहार संग मुस्काता सावन
हर तरफ हरियाली सावन के झूले
लाल हरी रंग सजी अपनी सखियां
मेहंदी लगाएं पींग बढ़ाए
रौनक लाए मुस्काता सावन
मायके में पग फेरे लगाए
गुजिया संग रिश्तों की मिठास
बारिश की फुआर संग खेले
रिलमिल सखियां गीत है गाए
अमुआ की डाली संग पींग बढ़ाए
खुशियों की दस्तक देता
त्यौहार संग मुस्काता सावन
चंचल मन हिलोरें है करता
मोर पपीहा संग आनन्दित होता
सावन की पहली जब फुहार पड़े
मन देखो कैसा प्रफुल्लित है होता
मेघ अपने आने की आहट देता
घुमड़ घुमड़ आते हैं बदरा
टिप टिप जब बूंदे है बरसे
मन में खुशी से ऐसे हर्षाए
जैसे कुमुदिनीया अनन्त खिली हो
खुशियों की दस्तक देता
त्यौहार संग मुस्काता सावन
*ग्रेटर नोएडा(उत्तर प्रदेश)
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