✍️विनय मोहन 'खारवन'
राज्य शिक्षा बोर्ड का दसवीं का रिजल्ट आ गया था। शर्मा जी का पूरा परिवार खुशी मना रहा था।बेटा दसवीं में नब्बे प्रतिशत अंक लेकर पास जो हुआ था। खुशी की बात भी थी। मिठाई बांटी गई। घर में जैसे जश्न का माहौल था।
अगले दिन ही दसवीं का सी बी एस ई का परीक्षा परिणाम आ गया। पडोस वाले वर्मा जी की बेटी के इक्यानवे प्रतिशत अंक आये। वर्मा जी मिठाई ले कर आये। शर्मा जी ने मिठाई ली व बधाई दी। पर मन बुझ सा गया। बेटे के नब्बे प्रतिशत तो वर्मा जी की बेटी के इक्यानवे प्रतिशत कैसे आ गए।
उस एक प्रतिशत ज्यादा अंक ने शर्मा जी की नब्बे प्रतिशत खुशी गायब कर दी थी।
*जगाधरी, हरियाणा
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