*डॉ वंदना गुप्ता
जितना राम तपे हैं उतना,
क्या कोई भी तप पाया?
इस कारण ही राम चरित,
महिमा को शिव ने है गाया।।
शिव सहस्र नाम जाप का फल,
एक "राम "जपे से मिलता है।
शिवभक्त यदि हो राम का द्रोही,
तो वह शिवभक्ति भी खोता है।।
इसीलिए भारत में घर-घर,
रामचरित को गाते हैं।
आदर्शों के साथ जियो तुम,
मेरे "राम" यही सिखलाते हैं। ।
मोतीनगर वार्ड सागर म.प्र.
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