*रश्मि वत्स
सरहद पर खामोश नहीं है,
जोश हमारे वीरों का !
दुश्मन आँख दिखाता जब-जब,
चीर दिया उसका सीना !
जब-जब दुश्मन गुर्राया ,
भारत ने कहर बरसाया है !
एक,एक लाल के बदले अपने,
सौ-सौ को मार गिराया है !
चट्टानों से मजबूत इरादों को,
डिगा नहीं है पाया दुश्मन !
ढेर किया घर भीतर जाकर,
उसकी औकात दिखाई है !
उसके नापाक इरादों कों,
ध्वस्त किया है हरदम !
सदैव धूल चटाई है उसको ,
देश की शान बढा़ई है !
जय हिन्द के नारों से,
गूंजें घाटी का कोना-कोना !
देख वीर सपूतों को,
चौड़ा हो जाता है सीना !
वचन है भारत को ,
अपना फर्ज निभाएँगे !
भारत माँ की खातिर हम,
न्यौछावर हम हो जाएँगे !
*मेरठ (उत्तर प्रदेश)
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