*डॉ वंदना गुप्ता
1.मासूम बेटे का बलिदानी पिता को संदेश
पिता चिता में अग्नि देकर,
मैं मासूम न रो पाया ।
मां की बेसुध दशा देख के,
मन ही मन मैं घबराया।।
दादी मुझको गोद में लेकर ,
ले नाम तुम्हारा रोती हैं ।
भूख प्यास सब गायब है ,
न खाती न सोती हैं।।
बाबा मेरी उंगली थामे,
चुप चुप से अब रहते हैं ।
रात अंधेरी हो जाने पर ,
वह खून के आंसू रोते हैं ।।
पिता तुम्हारे जाने से,
बचपन मेरा दूर हुआ ।
प्यार दुलार भरा आलिंगन,
जीवन से काफूर हुआ। ।
सुबह सुबह उठते ही तुमको,
मैं रोज सलामी देता हूं।
तेरे जैसा बनूंगा मैं भी ,
रोज कसम ये लेता हूं।।
2.माँ का बलिदानी बेटे को संदेश
ममता की गागर अब मेरी ,
दर्द सदा छलकाएगी।
रह-रहकर मुझको बेटे की,
याद सदा ही आएगी ।।
मातृभूमि की रक्षा के हित,
मेरे बेटे ने रक्त बहाया है ।
अपने प्राण न्योछावर करके ,
मेरी कोख का मान बढ़ाया है।।
स्वाभिमान और दर्द हृदय में,
मैं लेकर अब जी लूंगी।
भारत माँ की बेटी हूं मैं,
अब वज्र कलेजा कर लूँगी।।
3.नवजात बेटी का बलिदानी पिता को संदेश
पिता मुझे देखे बिन ही तुम ,
इस दुनिया से मुख मोड़ गए !
मां-दादी-बाबा की खुशियाँ ,
एक पल में सब छोड़ गए!!
चित्र तुम्हारे देख देख कर,
मैं पल बढ़ ही जाऊंगी!
शौर्य तुम्हारे सुन -सुन कर,
खुद पर अभिमान जताऊँगी!!
मैं श्रद्धा के सुमन खिलाकर ,
तुमको रोज चढ़ाऊँगी !
राष्ट्रधर्म का फर्ज़ निभाकर,
मैं तेरी शान बढाऊँगी!!
4.नवजात बेटी की चीन को ललकार
मैं नन्हीं सी 17 दिन की,
बेटी हूँ उस वीर की !
चौड़ी छाती से जिसने की ,
रक्षा भारत भूमि की !!
15 जून अर्धरात्रि में ,
धोखे से चीन ने मारा था !
जाते-जाते हुए पिता ने ,
दुश्मन को ललकारा था!!
कुटिल चाल दुश्मन ने चलके,
मेरे पिता पर वार किया !
फिर भी हिम्मत न हारे वो ,
दुश्मन की गर्दन तोड़ दिया !!
सुनो चीन मैं आज अभी से,
अपना प्रण दोहराती हूँ।
पिता के जीवन के बदले में ,
तेरी नाश का बिगुल बजाती हूँ।।
भारत माँ के बहुत से बेटे ,
मेरे पिता के जैसे आएँगे!
जल-थल-नभ से गर्जन करके
तेरा सर्वस्व मिटायेंगे!!
(रचनाकार "स्वच्छ भारत मिशन" सागर कैन्ट की ब्रांड एम्बेसडर है और स्त्री रोग चिकित्सक एवं योग विशेषज्ञ है)
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