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एक बड़ी बीमारी  है



*हमीद कानपुरी

एक  बड़ी  बीमारी  है।

सत्ता  सबको प्यारी है।

 

लूट खुली  यूँ  जारी है।

लीडर अब व्यापारी है।

 

रोज़ी  गुम है  रोटी गुम,

रोज़ भटकना  जारी है।

 

कोरोना से  डरता जग,

रोग  बड़ा   संचारी  है।

 

बढ़ते डीज़ल  दामों से,

सब को  ही  दुश्वारी है।

 

शोर बढ़ा है चीखों का,

ज़ुल्म बराबर जारी है।

 

*कानपुर

 


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