कोरोना महामारी के कारण समूचे विश्व में संकट की परिस्थितियां निर्मित हो गई है। यह महामारी किसी एक जगह या किसी एक देश अथवा व्यक्ति में नहीं फैली। विश्व में सभी देश इस संकट की घड़ी से गुजर रहे हैं। सबसे बड़ी सीख जो इस महामारी ने हम सभी को दी वह है कि, हमें हमेशा सजग ,सतर्क रहना चाहिए।विषम परिस्थितियां जीवन में कभी भी आ सकती है। चाहे हम कितना भी गुरुर करे विज्ञान अथवा अपनी काबिलियत का। एक समय यह भी आया है कि, यहां सब बेबस है। अति सर्वत्र वर्जयते। प्रकृति के अपने नियम कायदे कानून हैं और वह बहुत अनुशासित रूप से अपनी सृष्टि चलाती है।यह कम शब्दों में बहुत बड़ी सीख है। एकजुट होना चाहिए ताकि संकट के समय हम किसी न किसी की हर सम्भव, हर तरह से सहायता कर सके और सभी की साथ हिम्मत से संकट की घड़ी से उबर सके। बचत का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। आज जब संकट का दौर आया है तो ऐसे वह नागरिक भी मदद कर रहे हैं जिनके पास थोड़ी जमा पूंजी है जो अनुदान करके मदद कर रहे हैं और बचत का यह भी फायदा है कि लम्बे समय तक काम न करके धनार्जन न कर पाने की स्थिति में आत्मनिर्भर है। सरकार की हर तरीके से मदद करने की कोशिश है, लेकिन कुछ अंशदान हमें भी लोगों को करने के लिए हमारी बचत काम आ सकती है। हमारा साधारण प्रयास । एक छोटा सा अंश बचत का दूसरों के लिए निकालने की प्रवृत्ति जो कभी भी किसी भी परिस्थिति में घर में प्रयोग नहीं की जाती है ,वह सहायतार्थ रूप काम आती रही और अभी तालाबंदी में भी काम आई। हम यदि समर्थ है तो कुछ राशि अलग रखें और जरूरत के समय लोगों की मदद करें।
*माया मालवेंद्र बदेका,उज्जैन मध्यप्रदेश
इस विशेष कॉलम पर और विचार पढ़ने के लिए देखे- लॉकडाउन से सीख
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