*डॉ. रीना रवि मालपानी
कर्मवीरों ने निर्भीकता से मृत्यु से साक्षात्कार को अपनाया,
इन्होनें कोरोना से संग्राम को सफल बनाया।
कोरोना संक्रमण ने मानव-जीवन के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाया,
कोरोना कर्मवीरों ने इससे परिहार का मार्ग सुझाया।
नमन वसुंधरा के कर्मवीरों को जिन्होंने रात-दिन को एक बनाया,
कर्तव्यनिष्ठा की दिशा में अपना सुख-चैन स्वतः भुलाया।
परिवार को छोड़कर मानवता की तरफ कदम बढ़ाया,
तपती धूप में जिन्होंने सतत श्रम को साध्य बनाया।
कष्ट सहकर भी अकिंचन तक संसाधनो को पहुँचाया,
सेवाधर्मिता के पथ पर अनवरत कदम बढ़ाया।
विश्वव्यापी संक्रमण काल को ध्वस्त करने का बीड़ा उठाया,
कोरोना रूपी यज्ञ की आहुति में सर्वस्व लगाया।
कर्मवीरों ने जनमानस की सुरक्षा को अपना ध्येय बनाया,
इंसानियत की उत्कृष्ट पराकाष्ठा को जीवंत बनाया।
कोरोना कोहराम ने भारतमाता के साहसी पूत को जगाया,
कोरोना कहर है कितना भयावह यह अब सबकी समझ मे आया।
कोरोना कोहराम की कड़ी में सेवा सुश्रुषा को अपना उद्देश्य बनाया,
मुस्कुराता, सुरक्षित, समृद्ध राष्ट्र निर्माण का पथ अपनाया।
*डॉ. रीना रवि मालपानी, नागदा
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