*पुखराज पथिक
वसुधैव कुटुंबकम की बहती प्रेम धारा ,
सबसे न्यारा सबसे प्यारा भारत देश हमारा ।
सुबह प्यारी है जिसकी प्यारी है हर शाम,
जहाँ हर इंसा के मन मे बसे हुए हैं श्री राम ।।
हर मजहब के लोग यहाँ रहते बन भाई भाई ,
एक दूजे के सुख-दुःख में कभी न आंख चुराई ,
आपस की हमजोली मे छिपी हुई यहाँ हर मुस्कान ।
लहराती हरियाली जहाँ बड़ी निराली है शान ।।
ऊंचे-ऊंचे पेड़ घनेरे जिससे छनती धूप,
कलकल करती नदियाँ बहती बड़ा अनोखा रूप,
सावन मे जब पड़े फुहारे कोयल गीत सुनाती ,
दादुर मोर पपिहा बोले प्रकृति सबका मन लुभाती ।
हर मौसम का यहाँ अपना एक नया वरदान ।
जिनसे सारी खुशियाँ पा जाता है किसान ।।
यही सभ्यता है संस्कृति का हम मान करें ।
संस्कार दिए पुरखों ने उनका ही यशगान करें ।।
मेरा देश महान है यह मेरा हिन्दुस्तान ।
*पुखराज जैन पथिक ग्राम भाटीसुड़ा नागदा जं
साहित्य, कला, संस्कृति और समाज से जुड़ी लेख/रचनाएँ/समाचार अब नये वेब पोर्टल शाश्वत सृजन पर देखे- http://shashwatsrijan.comयूटूयुब चैनल देखें और सब्सक्राइब करे- https://www.youtube.com/channel/UCpRyX9VM7WEY39QytlBjZiw
0 टिप्पणियाँ