*रश्मि वत्स
चीन की है चालाकी सारी,
पड़ी सारी दुनिया पर भारी ।
चंद फायदे के लिएे अपने ,
की सारी दुनिया से गद्दारी ।
नापाक गलत इरादों उसके,
सबको घाव दिऐ जिसने ।
कहर बरसाया सारे विश्व में ,
खुद का दिया परिचय उसने।
कूट नीती की यह थी चाल,
और लेकर महामारी की ढाल।
मासूम इंसानों की बलि चढ़ा ,
उसे नही हुआ है कोई मलाल ।
संकट पैदा कर सब देशों में ,
यह बना बैठा भोला है घर में ।
करोना की महामारी को देकर,
सोच रहा कर लूँ सब वश में ।
आज विश्व सारा पस्त हुए हैं,
इस महामारी से त्रस्त हुए हैं।
कोई अब उपाय नहीं सूझे है ,
हाल हुए सबके ही ध्वस्त हैं ।
बैठाया है सबको घर के भीतर,
रोज़गार व सब कुछ बंदकर।
चीन ने मक्कारी से किया काम,
अर्थवयवस्था खतरे में डालकर।
खतरे में देश की अर्थवयवस्था है,
गर सुदृढ़ करना फिर भारत को ।
बहिष्कार कर उसके उत्पादों का,
उसे घुटनों के बल पर चलाना है ।
विदेशी उत्पादों का करे बहिष्कार,
स्वदेशी उत्पादों को अपनाकर ।
देश को विकसित बनाएँगें हमसब,
इस संकंल्प से हम सब मिलकर ।
*रश्मि वत्स, मेरठ(उत्तर प्रदेश)
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