*कैलाश सोनी सार्थक
शब्द मत बेकार कर तू तारीफों के वास्ते
कोशिशें कर आज से ही बेबसों के वास्ते
एक सच ये भी बड़ा है हर किसी को है पता
लोगों ने जीवन गँवाया ख़वाहिशों के वास्ते
घूमती अल्हड़ हमारी सोच में ठहराव हो
काम थोड़ा कुछ़ तो करिये बंदिशों के वास्ते
दूसरों के वास्ते ये जिंदगी कर दी फ़ना
कुछ़ जमा करिये महोदय वारिशों के वास्ते
दासता ने लूट ली अस्मत यही होता रहा
बंद हो, ऐसे नियम हो दासियों के वास्ते
सह गये तो और मारा ये कहाँ की रीत है
हो सजा ईश्वर यहाँ इन जालिमों के वास्ते
देश आगे किस तरह बढ़ जाएगा सोनी बता
जी रहे हैं देश में बस साजिशों के वास्ते
*कैलाश सोनी सार्थक, नागदा, उज्जैन
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