*प्रीति शर्मा असीम
आओ सुनाऊं ........
तुम्हें कहानी ऐसे महा विनाश की ,
कोई देश बच ना सका ,
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी।
आओ सुनाऊं ......तुम्हें कहानी ऐसे महा विनाश की ,
छूने से ही फैल गया ,
एक देश से दूसरे देश गया ।
लाखों को ही मार गया।
भय का कर ,ऐसा संचार किया।
जीवन पर ऐसा वार किया।
उस रक्तबीज कोरोना ने हर कहीं विनाश किया ।
अर्थव्यवस्था पर घात किया ।
धर्म भी ना बच सका इससे, इंसानियत पर ऐसा आघात किया।
आओ सुनाऊं .......... तुम्हें कहानी ,
ऐसे महाविनाश की ,कोई देश बच ना सका।
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी ।
लोगों को घर में बंद किया ।
गरीबों को बेघर किया ।
खड़ी फसल सड़ गई खेतों में,
मेहनत को बेरंग किया ।
आओ सुनाऊं..... तुम्हें कहानी ।
ऐसे महाविनाश की,
कोई देश बच ना सका ।
उस रक्तबीज कोरोना की ऐसी मार थी।
एकजुट होकर विश्व खड़ा था।
रक्तबीज कोरोना हर कोई लड़ा था।
*प्रीति शर्मा असीम,नालागढ़,हिमाचल प्रदेश
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