*विभोर अग्रवाल
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सरकार द्वारा लगाया गया लॉकडाउन एक प्रकार का सुरक्षा कवच है जिसे तभी हटाना उचित होगा, जब कोरोना से पूर्ण मुक्ति दिखाई पड़ती हो। वर्तमान में अभी तक एेसा कही भी प्रतीत नहीं होता कि देश में कोरोना मरीजो की संख्या में गिरावट मिली हो। यदि लॉकडाउन खत्म कर दिया जाये तो स्थिति शायद पुरानी हो जाये और जो प्रयास अभी तक किये गये वो असफ़ल हो जाये। फ़िर भी यदि सरकार को लॉकडाउन समाप्त करना है तो उससे पूर्व कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियां बनानी होगी जिससे हमे सिंगापुर की भाँति दोबारा पछताना ना पड़े।
सर्वप्रथम हमें लॉकडाउन समाप्त करने पर सोशल डिस्टेन्सिग को बरकरार रखना होगा क्योंकि अभी तक हमारे पास वो संख्या नहीं है जिनमे कोरोना के नाममात्र के भी लक्षण नहीं है क्योंकि अभी तक बड़े स्तर पर अभी टेस्टिंग नहीं हो पायी है। सभी की टेस्टिंग होने पर ही हम ये बता सकते हैं कि हमारी कितनी जनसंख्या को कोरोना है!
रणनीति के तहत लोगों में जागरूकता को बढ़ाना होगा ताकि वो इसकी गम्भीरता को समझ सके और लॉकडाउन ना होते हुए भी स्वतः ही उसका पालन कर सकें।
बड़ी मात्रा में मास्क वितरित करने होंगे ताकि जब लोग घर से बाहर निकले तो वे किसी को दूषित ना करे। साथ ही भीड़ वाले स्थानों जैसे स्कूल, कॉलेज, मॉल एवं सिनेमाघर इत्यादि को अभी बन्द रखना ही एक उचित कदम होगा।
परिवहन व्यवस्था भी शुरु न की जाये तो ही उचित रहेगा क्योंकि परिवहन व्यवस्था प्रारंभ होते ही सोशल डिस्टेन्सिग के नियमों की धज्जियां कैसे उडेगी, हम सब अच्छी तरह जानते हैं।
बाजार भी एक निश्चित समय के लिए ही खोलना होगा जिससे पूरे दिन आवाजाही ना हो पाये।
उपरोक्त रणनीतियाँ अपनाकर यदि सरकार लॉकडाउन खोले तो उसका लॉकडाउन समाप्त करना सार्थक होगा।
अन्त में एक ही बात कहूंगा- "सावधानी ही सही बचाव है।"
*विभोर अग्रवाल,धामपुर,जिला बिजनौर
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