*विजय कनौजिया*
तुम भी कह दो मैं भी कह दूं
मन में अब न भेद कोई हो
मतभेदों में जी लेंगे हम
अब कोई मनभेद नहीं हो..।।
हर पल को अनुरूप बनाएं
अपनों के अनुकूल बनाएं
रहे हमेशा अपनापन ये
अब कोई तकरार नहीं हो..।।
रिश्तों की लड़ियां मिल गूथें
प्रेम के पुष्पों से आओ हम
खुशबू से हर रिश्ता महके
अब कोई हमसे दूर नहीं हो..।।
रिश्तों का हर बंधन मिलकर
हम मजबूत बनाएंगे
हर सुख-दुःख में साथ निभाएं
अब कोई मजबूर नहीं हो..।।
तुम भी कह दो मैं भी कह दूं
मन में अब न भेद कोई हो
मतभेदों में जी लेंगे हम
अब कोई मनभेद नहीं हो..।।
अब कोई मनभेद नहीं हो..।।
*विजय कनौजिया
ग्राम व पत्रालय-काही
जनपद-अम्बेडकर नगर (उ0 प्र0)
मो0-9818884701
शब्द प्रवाह में प्रकाशित आलेख/रचना/समाचार पर आपकी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया का स्वागत है-
अपने विचार भेजने के लिए मेल करे- shabdpravah.ujjain@gmail.com
या whatsapp करे 09406649733
0 टिप्पणियाँ