*अतुल जैन सुराणा*
वो दौलत में खुश है मकानों मे खुश है।
हम तो मगर इत्मीनानो में खुश हैं।।
न जश्ने जीत न शिकवा किसी हार का,
हम तो मुक़द्दर के इम्तिहानों में खुश हैं।।
तुम करते फिरो अकड़े सयानो की बंदिगी
हम तो सादगी भरे नादानों में खुश हैं।।
नफ़रतें और गुस्सा होगा तेरे जहान में,
हम यहाँ मुहब्बत के मैखानो में खुश हैं।
अपनी फ़कीरी का तो ये आलम है अतुल
छूट भी जाये दुनिया तो श्मशानों में खुश हैं।
*अतुल जैन सुराणा, आष्टा जिला सिहोर मध्य प्रदेश मोबाइल - 9755564255
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