*खुशबू *
जब देखती हूं
नन्ने मुन्ने बच्चों को खेलते हुए
तो याद आता है बचपन।
जब आता है बालदिवस
तो याद आता है बचपन।
जब देखती हूँ
मां की गोद में बैठे हुए बच्चों
को याद आता है बचपन।
जब देखती हूँ
बच्चों को अपनी मां के हाथ से
खाना खाते हुए
याद आता है बचपन।
जब देखती हूं
बच्चों को आंगन में
किलकारी मारते हुए
तो याद आता है बचपन।
जब देखती हूं
बच्चों को खुशी से नाचते हुए
तो याद आता है बचपन।
*खुशबू
9वी कक्षा की छात्रा
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा।
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