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पानीदार हाइकु




‌‌‌‌‌‌‌‌‌ ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌*अशोक 'आनन'*


पानी -पानी में
पानीदार नदियां
पानी हो गई ।
‌‌‌‌‌‌ ‌‌‌ ***
मत खींचिए -
पानी , पानी के बीच
धर्म की भींत ।
‌ ***
कहीं न मिला
खो गया है जो पानी
चिंतित सभी ।
‌ ***
पानी को देख
अमर्यादित हुईं
साध्वी नदियां ।
***
देख नदियां
पानी , पानी न रहा
बहक गया। ।
***
पानी के आगे


चले नहीं किसी की
मन का राजा ।
‌ ‌ ***
पानी की चाल
भांप न सका कोई
मात ही खाई ।



‌‌‌‌‌*अशोक 'आनन',11/82, जूना बाजार , मक्सी,जिला -शाजापुर ( म. प्र.)मोबाइल नं :9981240575/9977644232






 
























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