आजमगढ़ !आज मोहटी घाट पर पौधों की नर्सरी और खाद बनाने की विधि के साथ तमसा महाअभियान के लोगों का 500 दिनों से ज्यादा पर्यावरण संरक्षण पर पौधारोपण,पौधों की सुरक्षा,खाद बनाना और जल शक्ति जागरूकता आदि विषयों पर लंबा अनुभव के नाते नए-नए तरीके मिलते जा रहे हैं,इसी कड़ी में पता चला कि देशी गाय के गोबर से सूक्ष्म जैविक जिवाणु निकाल कर बनाया गया 'कचरा डीकंपोजर उत्पाद का आविष्कार पूरे देश में एक आश्चर्यजनक सफल परिणाम है, तमसा परिवार के अरविन्द चित्रांश ने कहा कि सीढियाँ उनके लिए बनी है,जिन्हें छत पर जाना है, लेकिन हमारी मंजिल आसमान है,रास्ता खुद बनाना है..इसी उम्मीद और जोश के साथ बाढ़ आपदा जैसे विपरीत परिस्थितियों में पौधारोपण के प्रति फिर से उम्मीद की नई किरण जगाना बहुत बड़े आत्मबल और विश्वास की जरूरत होती है,अपने लंबे अनुभवों से...पौधों की नर्सरी बनाना, पौधों की सुरक्षा और पौधारोपण से जल संरक्षण,विभिन्न विभिन्न तरीकों से खादों का निर्माण आदि पर्यावरण संरक्षण के प्रति लगाव और जुनून वन योगी सुनील कुमार राय के अंदर देखने को मिलती है,आपने बताया कि वेस्ट डी कंपोजर का प्रयोग जैविक कचरे से तत्काल खाद बनाने के लिए किया जाता है तथा मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के लिए बढे पेमाने में केंचुए पैदा होते हैं और पौधों की बीमारियों को रोकने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।जिससे पौधे बीमार नहीं पड़ते और विकसित होते रहते हैं।
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