*कोमल वाधवानी'प्रेरणा*
दीपावली ने
धर्म ने
लक्ष्मी ने
आख़िर किसने ?
तुम्हारे घरों के नहीं
तुम्हारे हृदय के कपाट
तुम्हारे बंद चक्षुओं के द्वार
खोल दिए हैं।
परंतु , सिर्फ़ एक दिन के लिए।
क्यों, तुम सबकी आँखों में
रोशनी के दीये जल रहे है ?
खु़शी का दिवस
हर तरफ
अंदर और बाहर,
यह रोशनी
सिर्फ़ एक रोज़ के लिए
क्यों है ? क्यों ?
*कोमल वाधवानी'प्रेरणा,उज्जैन , मो9424014477
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