जीना इसी का नाम है आलेख संग्रह को हुआ लोकार्पण
चरखी दादरी (हरियाणा)। निर्मला स्मृति साहित्यिक समिति द्वारा 29 सितंबर 19,रविवार को स्थानीय सरस्वती विद्या विहार सभागार में 'हिंदी उत्सव' के उपलक्ष्य में अंतर राष्ट्रीय सहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. यशवीर सिंह , विशिष्ट अतिथि प्रो.रूप देवगुण एवम प्रो. नरेश मिश्र था अघ्यक्ष के रूप में डॉ. रामनिवास मानव उपस्थित थे। इस अवसर सम्पूर्ण भारत सहित विदेश से पधारे 101 साहित्य मनीषियों को सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में आकोला के साहित्यकार राजकुमार जैन राजन को भी हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार, बाल साहित्य उन्नयन, सृजन, संपादन के क्षेत्र में किये गए महनीय कार्यों के लिए मंचस्थ अतिथियों द्वारा "निर्मला स्मृति साहित्य रत्न सम्मान" से नवाज़ा गया । कार्यक्रम में ही राजन जी की सद्य प्रकाशित कृति "जीना इसी का नाम है" भी लोकार्पित की गई। इस कृति में राजन जी के चुने हुए संपादकीय आलेखों का संग्रह है।
इस अवसर पर डॉ. घमंडी लाल अग्रवाल, राजपाल सिंह गुलिया, ज्ञान प्रकाश पीयूष, डॉ दिग्विजय सिंह, डॉ. शील कौशिक, डॉ. महेंद्र जैन , मेजर शक्तिराजसिंह जी, डॉ राजकुमार निजात आदि ख्यातनाम साहित्यकार भी उपस्थित थे।
राजकुमार जैन राजन की लगभग 36 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है और देश विदेश की कई भाषाओं में अनुदित भी हो चुकी है। आपको शताधिक सम्मन मिल चुके है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ अशोक कुमार मंगलेश ने स्वागत भाषण दिया ।विश्वेश्वर शर्मा ने बीज वक्तव्य दिया। कुशल संचालन डॉ. मनोज भारत ने किया।राजकुमार जैन राजन को मिले इस साहित्य सम्मान के लिए क्षेत्र के रचनाकारों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दी है।
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