*प्रो.शरद नारायण खरे*
कहे दशहरा पर्व यह,
ना करना अभिमान
वरना सब मिट जायगा,
हो कुल का अवसान ।
कहे दशहरा पर्व यह,
चलो सदा सद् राह
वरना सुख मिट जायगा,
हर पल निकले आह ।
कहे दशहरा पर्व यह,
रखना शुचिता भाव
वरना जीवन नष्ट हो,
हर पल रहे अभाव ।
कहे दशहरा पर्व यह,
सबसे उत्तम सत्य
जो हर ले सारा तिमिर,
बनकर के आदित्य ।
कहे दशहरा पर्व यह,
सबसे उत्तम धर्म
करना ना वह काम जो,
कहलाता दुष्कर्म ।
कहे दशहरा पर्व यह,
बन मानव तू राम
तब ही जीवन बन सके,
सचमुच में अभिराम ।।
*प्रो.शरद नारायण खरे,मंडला (मप्र),मो.9425484382
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