*मीरा सिंह "मीरा"*
नन्हीं आंखों में
इतने सपने
हिलमिल कैसे
रहते आपस में
एक दिल में
कई अरमान
दस्तक देते
जैसे मेहमान
एक बगिया में
विविध फूल
विविधता है
कुदरत का उसूल
एक जीवन में
है कई सपने
यूं खट्टे मीठे
कुछ कड़वे तीखे
यादों के पल
कुछ सुखद सुनहरे
कड़वे होते है
कुछ नीम सरीखे
वक्त का पंछी
उड़ता जाता
हाथ किसी के
कभी ना आता ।
*मीरा सिंह "मीरा" ,प्लस टू महारानी उषा रानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराव बक्सर -802119
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