जगमग -जगमग दीप जलाकर ,
काली रात को दूर भगाएं।
दीपक की उजियारी से हम ,
खुशियों की उपस्थिति कराएॅ ।
छूट ना जाये घर कोई आंगन,
ऐसी रोशनी का त्योहार मनाएं ।
दुश्मनी छोडकर दोस्ती सजाएं
ऐसा रोशनी का त्योहार मनाएं।
मिट्टी के सुन्दर दीप जलाएं,
ताकि मेहनती कुम्हार के घर भी,
कुछ फूलझडिया और मिठाईयां
खुशियों की सौगात दे जाए ।
इसबार हम सब अनूठा त्योहार मनाएं,
हम बड़ों के दरवाजे पर दस्तक देकर ;
उनके समक्ष अपना शीष नमाए,
मिठाई खिलाकर उनसे आशीष पाएं।
जगमग -जगमग दीप जलाकर ,
जगमगाती दीपावली मनाएं ।
खुशियाॅ से भर जाए आंगन ,
दुख दर्द को दूर भगाएं ।
आओ ऊंच- नीच को छोड़कर ,
जात-पात को परे रखकर ;
सुन्दर सुखद और स्वच्छ
दीपावली का त्योहार मनाएं ।
*सुरेश शर्मा,नूनमाटी, गुवाहाटी,आसाम, मो 8811033471
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