*श्वेतांक कुमार सिंह*
उस आग से
तुम बखूबी परिचित हो
जो टिके हुए बर्फ से
बहती नदी बनाता है,
खूबसूरत झीलों को
बादलों में सजाता है।
उस आग से भी
जरूर रूबरू होना
जो करोड़ों जिस्मों को
बेरहमी से पकाकर
उनके ताप से
पसीने का सैलाब बहाता है।
*श्वेतांक कुमार सिंह,(प्रदेश संयोजक एन वी एन यू फाउंडेशन),बलिया,उ.प्र./ कोलकाता,मो.8318983664
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