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*अमित भटोरे*
मन में औरों का बोझ लिए
क्यों वक्त को खोते रहते हो
जब देखो रोते रहते हो
ये नहीं मिला, वो चला गया
ईमानदार था, फिर भी छला गया
तुम अपना ख्याल रखो
क्यों आंखें भिगोते रहते हो
जब देखो रोते रहते हो
ख्वाबों पर ज्यादा ध्यान न देना
मंजिल से पहले आराम न लेना
आलस से खुद को दूर रखो
दिन में क्यों सोते रहते हो
जब देखो रोते रहते हो
-अमित भटोरे,खरगोन (मध्यप्रदेश),मो. : 9009311211
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