*विजय कनौजिया*
प्रेम पथ निर्माण में
सहयोग तेरा चाहिए
सहपथिक के रूप में
अब साथ तेरा चाहिए..।।
प्रेम की पगडंडियों पर
मैं संभल जाऊं जरा
ऐसे इस हालात में
अब हाथ तेरा चाहिए..।।
देखने की आरजू
न हो कोई तेरे सिवा
बस मेरी आँखों को अब
दीदार तेरा चाहिए..।।
यूं ही कट जाएगा ये
जीवन अगर तुम साथ हो
हो हमेशा साथ तुम
अहसास तेरा चाहिए..।।
बिन तुम्हारे मैं अधूरा
जिन्दगी बेनाम है
मैं भी हो जाऊंगा पूरक
नाम तेरा चाहिए..।।
प्रेम पथ निर्माण में
सहयोग तेरा चाहिए
सहपथिक के रूप में
अब साथ तेरा चाहिए..।।
अब साथ तेरा चाहिए..।।
*विजय कनौजिया,नई दिल्ली-110003,मो0-9818884701
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