-रमेश शर्मा. मुंबई
संग शारदा मातु के,पूजो सदा गणेश !
रचो पंक्तिय़ाँ छंद की,जब भी कभी रमेश !!
वक्त - वक्त की बात है, वक्त करे जब वार !
सहनी पड़ती शेर को,चूहे की ललकार !!
खाने लग जाए स्वयं, जहाँ फसल को बाड़ !
होना है फिर तो वहाँ,निश्चित समझ उजाड़ !!
बीते जीवन के दिवस,शेष रहे कुछ और !
किया नही इस बात पर,किन्तु मुकम्मल गौर !!
खाया है जब तामसी,जीवन भर आहार !
कैसे होंगे अब बता,तेरे शुद्ध विचार !!
-रमेश शर्मा. मुंबई
मो.-9820525940
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